यदि किसी जातक की कुंडली में राहु और सूर्य की युति होती है तो ये एक प्रकार का सूर्य ग्रहण योग बनता है| ऐसा जातक अस्थिर मन वाला, भावनात्मक रूप से असंतुलित हो सकता है| जातक को भाग्य का साथ नहीं मिल पाता है| उसे जीवन में संघर्ष अधिक करना पड़ता है| ऐसे जातक का अपने रिश्तेदारों से अच्छा सम्बन्ध नहीं रह पाता है| पिता का स्वास्थय ठीक नहीं रहता है| कभी कभी जातक के मन में आत्महत्या के विचार भी उत्पन्न होते हैं|
परन्तु ऐसे जातक तकनीकी कौशल में अधिक सक्षम होते हैं | ये लोग व्यापार के क्षेत्र में अच्छा काम कर पाते हैं| ऐसे जातक कभी कभी अति उत्साही होते है जिस कारण ये राजनीति के क्षेत्र में भी सफल होते दिखाई पड़ते हैं|
इन जातको को सूर्य मन्त्र और गायत्री मंत्र का जाप करने से या ध्यान (मेडिटेशन) करने से इसके अशुभ प्रभाव को काम करने में सहायता मिलती है|