अब तक हमने मांगलिक दोष के विषय में जानकारी प्राप्त की| बहुत लोग मांगलिक दोष के विषय में बात करते हैं और इससे डरते हैं, पर मांगलिक दोष कई कारणों से रद्द भी होता है जिसकी जानकारी हम आज के पोस्ट में दे रहे हैं|
1) पिछले पोस्ट में दिए गए भावो में मंगल यदि मेष, वृश्चिक या मकर राशि में हो तो मांगलिक दोष नहीं लगता है|
2) यदि वर या कन्या किसी एक की कुंडली में मांगलिक दोष हो और दूसरे की कुंडली में लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में शनि विराजमान हो तो मांगलिक दोष प्रभावहीन हो जाता है|
3) यदि मंगल सप्तम भाव में कर्क राशि में हो अथवा अष्टम भाव में धनु या मीन राशि में हो तो मांगलिक दोष रद्द हो जाता है|
4) सप्तमेश या शुक्र बलवान हो तथा सप्तम भाव इससे युत या दृष्ट हो मंगल दोष स्वतः समाप्त हो जाता है|
5) यदि मंगल पर गुरु की पूर्ण दृष्टि हो तो मंगल दोष निष्प्रभावी हो जाता है|
6) यदि मंगल अपनी मित्र राशि जैसे सिंह, कर्क, धनु या मीन राशि में स्थित हो तो मांगलिक दोष निष्प्रभावी हो जाता है|
( मांगलिक दोष होने की स्थिति में मेरा सुझाव है किसी प्रबुद्ध ज्योतिषी से अवश्य परामर्श ले लें)