यदि लग्न या चन्द्रमा से सप्तम भाव में मंगल हो तो यह जातक के सप्तम, दशम और लग्न और द्वितीय भाव को प्रभावित करेगा |
सप्तम भाव जातक के व्यापार में साझेदारी और वैवाहिक जीवन को दर्शाता है | यह पत्नी के स्वास्थय सम्बंधित समस्याएं दे सकता है |
सप्तम भाव का मंगल व्यक्ति के व्यवसाय, धन और कुटुंब को भी प्रभावित करता है | अतः जातक के कुटुंब में तनाव पैदा कर सकता है |
( नोट :- मांगलिक दोष से डरने और घबराने की आवश्यकता नहीं है | यह कई कारणों से रद्द भी होता है जिसकी जानकारी आगे के पोस्ट में दी जायेगी )
क्रमशः.......