वैदिक ज्योतिष में मंगल सबसे क्रूर गृह माना जाता है| यह उत्साह और ऊर्जा से भरा होता है| दो लोग एक साथ तभी जीवित रह सकते हैं जब दोनों में ऊर्जा का स्तर एक समान हो| यदि एक में बहुत अधिक ऊर्जा हो और एक बहुत सुस्त हो तो उन दोनों में आपस में समन्वय नहीं रहेगा| इसीलिए यदि एक व्यक्ति मांगलिक हो और दूसरा मांगलिक न हो तो वैवाहिक जीवन में परेशानी आती है |
यदि लग्न कुंडली में या चंद्र कुंडली में पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में मंगल हो तो मांगलिक दोष का निर्माण होता है |
क्रमशः.......