"जो पूरब में सिर कर सोता, बुद्धि बढ़ाता ज्ञानी होता |
जो दक्षिण में सिर कर सोता, तन का बल दीघार्यु संजोता |
मस्तक पश्चिम कर जो सोता, चिन्ताओं में पड कर सोता
"जो उत्तर में सिर कर सोता, लाभ और जीवन को खोता |
पूर्व मुखी जो खाना खाता, वह लम्बा जीवन पाता |
जो दक्षिण मुख होकर खाता, भारी नाम बड़ाई पाता |
शौच और लघु शंका जाओ, उत्तर-दक्षिण मुख को आओ |
पूर्व मुखी हो सदा नहाओ, मंजन पश्चिम मुख कर आओ
पूवोर्त्तर मुख जाप सम्हारो, श्वेत वस्त्र उत्तर मुख धारो |
पढ़ने उत्तर मुख हो जाओ, भोजन दक्षिण मुख न पकाओ |