01-01-2023

भाग्य भाव

भाग्य भाव 

कुंडली में नौवां भाव भाग्य भाव / पितृ भाव कहलाता है | इस भाव का कारक ग्रह गुरु है | काल पुरुष की कुंडली में नवम  भाव में धनु राशि आती है जिसक स्वामी बृहस्पति है | इस भाव से जातक के प्रारब्ध के कारण सिंचित भाग्य के विषय में जानकारी मिलती है | नवम भाव में सूर्य होने पर जातक दार्शनिक या महान शिक्षक हो सकता है | चन्द्रमा होने पर जातक का धर्म / अध्यात्म की ओर  झुकाव होगा | गुरु होने पर जातक नैतिक आचरण वाला और विद्वान होगा | शुक्र होने पर कला संगीत और विदेशी संस्कृति की ओर झुकाव कराएगा | मंगल होने पर जातक आदर्श सिद्धांत के लिए लड़ सकता है | बुध होने पर जातक उत्कृष्ट शिक्षक / लेखक या संचार के क्षेत्र में बेहतर काम करेगा | शनि होने जातक मुश्किलों का सामना करते हुए आगे बढ़ेगा, धन अर्जित करने के लिए कड़ी मेहनत करवाएगा | राहु होने पर जातक रहस्यमयी ज्ञान की ओर झुकाव कराएगा | केतु होने पर पिता के स्वास्थ्य  की समस्या रहेगी |

Please mention the comment below
Previous Comments