कुंडली में दूसरा भाव धन भाव कहलाता है | यह भाव वाणी और कुटुंब सुख का भी प्रतिनिधत्व करता है | काल पुरुष की कुंडली में द्वितीय भाव वृष राशि आती है जिसका स्वामी शुक्र है | यदि इस भाव में सूर्य, मंगल हो तो नाजायज पैसा खर्च होता है | शनि होने पाए जातक कंजूस हो सकता है | बुध होने पर जातक का मनी मैनेजमेंट बहुत अच्छा होता है | यदि इस भाव में शुक्र, चंद्र हो तो जातक परिवार के आनंद या सौन्दर्य प्रसाधनों पर खर्च करता है | यदि इस भाव में गुरु हो तो जातक धर्म सम्बंधित कार्यो पर पैसा खर्च करता है | यदि इस भाव में क्रूर गृह हो तो जातक की बोली कठोर हो सकती है | सौम्य गृह होने पर जातक मृदुभाषी होता है |