02-10-2024

शारदीय नवरात्रि

शारदीय नवरात्रि

पंचांग के अनुसार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि का आरम्भ 3 अक्तूबर 2024 को सुबह 12 बजकर 19 मिनट से होगी। उदया तिथि के मुताबिक शारदीय नवरात्रि का पहला दिन 3 अक्टूबर 2024 को होगा, और इस दिन से ही नवरात्रि की शुरूआत होगी और 12 अक्टूबर 2024 को विजयदशमी के दिन (दशहरा) को सम्पन्न होगी | इस वर्ष घट स्थापना के लिए सर्वोत्तम मुहूर्त 03 अक्टूबर 2024 प्रातः 06:15 AM से 07:22 AM तक है, दूसरा मुहूर्त 11:46 AM से 12:33 PM तक है |

                                           शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।
                                        गुरौ शुक्रे चदोलायां बुधे नौका प्रकी‌र्त्तिता ।।

श्लोक के अनुसार, सोमवार या रविवार को घट स्थापना होने पर मां दुर्गा का वाहन हाथी होता है। शनिवार या मंगलवार को नवरात्रि की शुरुआत होने पर वाहन घोड़ा होता है। इसके अलावा, गुरुवार या शुक्रवार को देवी डोली में बैठकर आती है। बुधवार से नवरात्र शुरू होने पर मां दुर्गा नाव में आती है।

                            शशि सूर्य दिने यदि सा विजया महिषागमने रुज शोककरा।
                            शनि भौमदिने यदि सा विजया चरणायुध यानि करी विकला।।
                            बुधशुक्र दिने यदि सा विजया गजवाहन गा शुभ वृष्टिकरा।
                            सुरराजगुरौ यदि सा विजया नरवाहन गा शुभ सौख्य करा॥

श्लोक के अनुसार, रविवार या सोमवार को मां दुर्गा भैंसे की सवारी से प्रस्थान करती है। जब-जब वह ऐसा करती है, देश में रोग और शोक बढ़ता हैं। वहीं, शनिवार या मंगलवार को देवी मुर्गे पर प्रस्थान करती है, जिससे दुख और कष्ट बढ़ते है। इसके अलावा, माँ बुधवार या शुक्रवार को हाथी पर प्रस्थान करती है, तो बारिश अधिक होने का संकेत होता है। दूसरी तरफ, गुरुवार को मां दुर्गा का प्रस्थान वाहन मनुष्य होता है, जिससे सुख और शांति की वृद्धि होती है।

इस बार मां दुर्गा का आगमन पालकी पर होगा। इसका असर देश और दुनिया पर देखने को मिलता है। माना यह जा रहा है कि मां दुर्गा का पालकी पर सवार होकर आना देश की सुरक्षा और अर्थ व्‍यवस्‍था के लिए अच्‍छा संकेत नहीं है।
नवरात्र का समापन 12 अक्टूबर दिन को होने से माता के प्रस्थान की सवारी मुर्गा होगी। इस कारण देश दुनिया में दुःख और कष्ट बढ़ने की सम्भावना है। कोई नई प्रकार की बिमारी जनमानस को प्रभावित कर सकती है।

•       प्रथम दिन-  माँ शैलपुत्री की पूजा  -  अक्तूबर 2024
• दूसरा दिन- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा – 4 अक्तूबर 2024
• तीसरा दिन- मां चंद्रघंटा की पूजा – 5 अक्तूबर 2024
• चौथा दिन- मां कूष्मांडा की पूजा – 6 अक्तूबर 2024
• पांचवां दिन- मां स्कंदमाता की पूजा – 7 अक्तूबर 2024
• छठा दिन- मां कात्यायनी की पूजा – 8 अक्तूबर 2024
• सातवां दिन- मां कालरात्रि की पूजा – 9 अक्तूबर 2024
• आठवां दिन- मां सिद्धिदात्री की पूजा – 10 अक्तूबर 2024
• नौवां दिन- मां महागौरी की पूजा – 11 अक्तूबर 2024
• विजयदशमी – 12 अक्टूबर 2024, दुर्गा विसर्जन 
 

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Jai Mata di.
Akash