चैत्र नवरात्रि 09 अप्रैल 2024 (दिन मंगलवार) से आरम्भ होगी और 17 अप्रैल 2024 को नवमी तिथि (रामनवमी) (दिन बुधवार) को सम्पन्न होगी | घट स्थापना का शुभ मुहूर्त प्रातः 6:24 बजे से लेकर 10:28 बजे तक रहेगा। इस दिन अभिजीत मुहूर्त में अमृतसिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग का अद्भुत योग का निर्माण भी हो रहा है। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:03 बजे से शुरू होगा जो कि 12:54 बजे तक रहेगा। साथ ही अमृतसिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग नौ अप्रैल को प्रातः 07:32 बजे से लेकर पूरे दिन रहेगा। यह घट नौ दिन तक स्थापित रहता है।
शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।
गुरौ शुक्रे चदोलायां बुधे नौका प्रकीर्त्तिता ।।
श्लोक के अनुसार, सोमवार या रविवार को घट स्थापना होने पर मां दुर्गा का वाहन हाथी होता है। शनिवार या मंगलवार को नवरात्रि की शुरुआत होने पर वाहन घोड़ा होता है। इसके अलावा, गुरुवार या शुक्रवार को देवी डोली में बैठकर आती है। बुधवार से नवरात्र शुरू होने पर मां दुर्गा नाव में आती है।
शशि सूर्य दिने यदि सा विजया महिषागमने रुज शोककरा।
शनि भौमदिने यदि सा विजया चरणायुध यानि करी विकला।।
बुधशुक्र दिने यदि सा विजया गजवाहन गा शुभ वृष्टिकरा।
सुरराजगुरौ यदि सा विजया नरवाहन गा शुभ सौख्य करा॥
श्लोक के अनुसार, रविवार या सोमवार को मां दुर्गा भैंसे की सवारी से प्रस्थान करती है। जब-जब वह ऐसा करती है, देश में रोग और शोक बढ़ता हैं। वहीं, शनिवार या मंगलवार को देवी मुर्गे पर प्रस्थान करती है, जिससे दुख और कष्ट बढ़ते है। इसके अलावा, मां बुधवार या शुक्रवार को हाथी पर प्रस्थान करती है, तो बारिश अधिक होने का संकेत होता है। दूसरी तरफ, गुरुवार को मां दुर्गा का प्रस्थान वाहन मनुष्य होता है, जिससे सुख और शांति की वृद्धि होती है।
माँ दुर्गा का आगमन इस बार घोड़े पर होगा और हाथी पर सवार होकर प्रस्थान होगा। चैत्र नवरात्र का प्रारंभ मंगलवार से होने के कारण मां दुर्गा घोड़ा पर सवार होकर आएंगी लेकिन घोड़े की सवारी से माता रानी का पृथ्वी पर आगमन शुभ नहीं माना जाता है। मान्यता है कि मां दुर्गा के घोड़े पर सवार होकर आने से प्राकृतिक आपदा की आशंका प्रबल होती है। साथ ही सत्ता पक्ष में भी बदलाव देखने को मिलता है।
नवरात्र का समापन 17 अप्रैल दिन बुधवार को होने से माता के प्रस्थान की सवारी गज (हाथी) होगी। माता का हाथी पर सवार होकर प्रस्थान करना शुभ संकेत होता है। यह अच्छी बारिश, खुशहाली और तरक्की का संकेत देता है। काल नाम के इस संवत्सर के राजा मंगल और मंत्री शनिदेव होने से यह वर्ष बहुत ही उथल-पुथल वाला रहेगा।
चैत्र नवरात्रि कलैंडर
9 अप्रैल 2024 प्रथम नवरात्री मंगलवार माँ शैलपुत्री की पूजा
10 अप्रैल 2024 द्वितीय नवरात्री बुधवार माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा
11 अप्रैल 2024 तृतीय नवरात्री गुरूवार माँ चंद्रघंटा की पूजा
12 अप्रैल 2024 चतुर्थ नवरात्री शुक्रवार माँ कूष्मांडा की पूजा
13 अप्रैल 2024 पंचम नवरात्री शनिवार माँ स्कंदमाता की पूजा
14 अप्रैल 2024 षष्ठ नवरात्री रविवार माँ कात्यायनी की पूजा
15 अप्रैल 2024 सप्तम नवरात्री सोमवार माँ कालरात्रि की पूजा
16 अप्रैल 2024 अष्टम नवरात्री मंगलवार माँ सिद्धिदात्री की पूजा
17 अप्रैल 2024 नवम नवरात्री बुधवार माँ महागौरी की पूजा