शनिदेव को न्याय का देवता और कर्मफल दाता भी कहा जाता है। अच्छे कर्म करने वाले को शनिदेव शुभ फल देते हैं, तो बुरे कर्म करने वाले को दंड देते हैं। शनि की महादशा चलने पर जातक के व्यव्यहार में विशेष बदलाव देखने को मिलता है। साथ ही आर्थिक स्थिति भी डगमगा जाती है। आप जीवन में धनवान होंगे या दरिद्र, ये आपके कर्मों के आधार पर शनि देव ही तय करते हैं। शनि की विशेष स्थितियों से धन का आगमन, धन की प्राप्ति सरल हो सकती है और मुश्किल भी। शनि की महादशा 19 वर्ष तक चलती है। इसीलिए नकारात्मक प्रभाव होने पर शनि लंबे समय तक आर्थिक कष्ट देने लगते हैं। शनि नकारात्मक हो तो साढ़े साती या ढैया में घोर दरिद्रता का सामना करवा देता है। कुंडली में बेहतर योग के बावजूद अगर व्यक्ति के कर्म शुभ न हों तो, शनि धन की खूब हानि करवाता है।
शनि की महादशा का व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव
शनि की महादशा के लक्षण
शनि की महादशा शुरू होने पर व्यक्ति को नशे की आदत लग जाती है।अगर आपका कोई कीमती सामान गुम हो जाता है या खो जाता है, बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है, या जीवन में अचानक से कोई अनहोनी हो जाए, तो ये संकेत है कि आपकी कुंडली में शनि की महादशा चल रही है। घर में चोरी होना, बड़ी बीमारी होना, सामान खोना आदि शनि की महादशा के लक्षण हैं।
शनि ग्रह का शुभ स्थिति में होना
अगर कुंडली में शनि अनुकूल हो और तीसरे, छठे या एकादश यानी ग्यारहवें भाव में हो तो, व्यक्ति को कभी भी आर्थिक तंगी नहीं झेलनी पड़ती। बल्कि उसे जीवन भर आर्थिक लाभ ही मिलते हैं। शनि उच्च का हो या अपने घर यानी कुंडली के 10वें या 11वें भाव या फिर कुंभ और मकर राशि में हो तो भी लोग मालामाल रहते हैं। शनि विशेष अनुकूल हो और शनि की महादशा, साढ़ेसाती या ढैया चल रही हो तो, जीवन में कभी भी आपको आर्थिक परेशानियां नहीं होंगी। इसके अलावा, माता-पिता का आशीर्वाद हो तो, आर्थिक मोर्चे पर हालात कभी खराब नहीं होते हैं।
शनि ग्रह का अशुभ स्थिति में होना
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर शनि कुंडली के अशुभ भावों में हो तो, धन की हानि होती है। अगर शनि नीच राशि मेष में हो या सूर्य के साथ हो तो भी पैसों का नुकसान होता है। कुंडली में प्रतिकूल शनि होने पर जब साढ़े साती या ढैया लगती है, तो भी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। इसके अलावा, बेवजह नीलम धारण करने से, अशुद्ध आचरण करने से और बुजुर्गों का अनादर करने से भी शनि से संबंधित परेशानियों में इजाफा होता है।
शनि महादशा के उपाय
- शनिवार के दिन विधि-विधान से शनि देव की पूजा उपासना करें। साथ ही शनि चालीसा का पाठ करें। इस उपाय को करने से शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। शनि की महादशा के दौरान गरीब, असहाय और महिलाओं का अपमान न करें। वहीं, रोजाना महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- शनिदेव की कृपा दृष्टि पाने के लिए हर शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करें। साथ ही सुंदरकांड का पाठ करें।
-धन प्राप्ति के लिए शनि को प्रसन्न करने के लिए
शनिवार को पहले पीपल वृक्ष के नीचे सरसों का चौमुखी दीपक जलाएं। इसके बाद कम से कम तीन बार वृक्ष की परिक्रमा करें। परिक्रमा के बाद शनिदेव के तांत्रिक मंत्र 'ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:' का कम से कम 108 बार जाप करें। अंत में किसी निर्धन व्यक्ति को सिक्कों का दान करें।