यदि आपका जन्म रोहिणी, हस्त या श्रवण नक्षत्र में हुआ है आपका अनुरक्त ग्रह बुध बनता है| आपने पूर्व जन्म में काफी हद तक ज्ञान के क्षेत्र में काम कर लिया था | आप बहुत विवेकशील व्यक्ति रहे होंगे |
इस जीवन में आप आरम्भ में चंचल परन्तु बाद में धीर गंभीर और ज्ञानी व्यक्ति के रूप में जाने जाएंगे | ऐसे व्यक्ति इस जीवन में जब विवेक से चलना आरम्भ करेंगे तभी उनमे सुख दुःख को सम करने की स्थिति आएगी |
ऐसे व्यक्ति इस जीवन में किसी न किसी प्रकार शिक्षा/ ज्ञान के क्षेत्र से अवश्य जुड़ेंगे और उन्हें इस क्षेत्र में काफी नाम भी मिलेगा | जब ये अपने ज्ञान को लिपिबद्ध कर लेते हैं अर्थात ये कुछ पुस्तकें लिखते हैं तभी इनके जीवन में पूर्णता आती है |
ये लोग पिछले जन्म के अंतिम पड़ाव में मन की चंचलता के कारण मार्ग से भटक गए थे | इस जीवन में शिक्षा के क्षेत्र से जुड़कर उसे पूर्ण कर सकते हैं |
यद्यपि विभिन्न भावों में बुध की स्थिति के अनुसार कुछ अन्य फल भी जुड़ जाएंगे जिनके विषय में आगे चर्चा कि जायेगी|