यदि आपका जन्म भरणी, पूर्वा फाल्गुनी या पूर्वा षाढ़ा नक्षत्र में जन्म हुआ है तो आपका अनुरक्त ग्रह गुरु बनता है|
पूर्व जन्म में आप एक ज्ञानी और सुशिक्षित व्यक्ति के रूप में प्रसिध्द रहे होंगे | आप लोगो ने पूर्व जन्म में काफी हद तक साधना कर ली थी जो आपके इस जन्म में काम आने वाली है | इस जन्म में भी आप लोग ज्ञानी और सन्मार्ग पर चलने वाले होंगे | आपके जीवन के 16 से 36 वर्ष की आयु के मध्य कुछ विशेष घटना घटेगी जो आपको विशेष लाभ दिलाएगी
आपको अपने जीवन में कोई न कोई गुरु अवश्य मिलेगा जो किसी भी रूप में हो सकता है चाहे वो पिता के रूप में, शिक्षक के रूप में या किसी बड़े के रूप में जो आपको मोक्ष के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेगा | आपको केवल उसका लाभ उठाना चाहिए | आप इस जीवन में शिक्षा या ज्ञान के क्षेत्र में कभी न कभी अवश्य जुड़ेंगे चाहे शिक्षक के रूप में हो या किसी लेखक या समाज के मार्गदर्शक के रूप में |
यदि आपका गुरु मकर राशि में या 10Th भाव में हो तो आपको विशेषतः विनम्र होकर रहना चाहिए |
यद्यपि विभिन्न भावों में गुरु की स्थिति के अनुसार कुछ अन्य फल भी जुड़ जाएंगे जिनके विषय में आगे चर्चा कि जायेगी|